गाज़ीपुर ।
गाजीपुर में शनिवार को जिला योजना 2022-23 की लंबित बैठक जनपद के प्रभारी मंत्री और योगी कैबिनेट में मंत्री रविंद्र जायसवाल की अध्यक्षता में की गई ।
जिसमें उनके बगल में बहुजन समाज पार्टी के सांसद अफजाल अंसारी , जनपद के सभी जनप्रतिनिधि , जिलाधिकारी गाज़ीपुर , पुलिस अधीक्षक गाज़ीपुर के साथ सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे । इस बैठक में जनपद की हजारों करोड़ की परियोजना स्वीकृत कर दी गई।
इस बैठक के बाद गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी ने जिला योजना 2022-23 की बैठक पर असंतोष जताते हुए इसे मात्र औपचारिकता पूर्ण कार्रवाई बताया , उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में आज शनिवार से मात्र 4-5 दिन बाकी हैं और मात्र 4-5 दिन पहले इस कार्ययोजना को ठप्पा लगवाने के लिए इस बैठक को बुलाया गया था , उन्होंने कहा कि 2022 में चुनाव की वजह से औपचारिकताएं नहीं पूरी हो पाई थी , तो आनन फानन में ये कार्यवाही की गई है , जिसे मैंने बैठक में भी कहा है , सांसद अंसारी ने जिले में चल रही तमाम परियोजनाएं जिसमें जल को नल से जोड़ने की परियोजना , सीवर पाइप लाइन और अन्य विकास योजनाओं पर भी सवालिया निशान उठाते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया ।
पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने सरकार द्वारा खुद को माफिया ठहराए जाने की भी बात कही और यह भी कहा कि सरकार से उनको किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है और वह जनता से इसका सर्टिफिकेट चुनाव में लेंगे ।
वहीं वे जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा महात्मा गांधी की डिग्री पर सवाल उठाए जाने पर नाराज दिखे , आपको बता दें कि इन्हीं सिन्हा जी को हरा कर अंसारी मौजूदा सांसद भी हैं , उन्होंने कहा जो उनकी जानकारी है कि महात्मा गांधी लॉ ग्रेजुएट थे और अगर उपराज्यपाल को उनकी डिग्री चाहिए तो, उसकी ज़ेरॉक्स कॉपी वह उनको दे सकते हैं , वहीं मौजूद पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मनोज सिन्हा जो जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल है उन्होंने हाईस्कूल कहां से पास किया था , यह जानकारी अगर वह आपके माध्यम से हमें दे दे तो ठीक है , और ना दे पाएं तो कृपया महात्मा गांधी की डिग्री पर सवाल ना उठाएं ।
वहीं उन्होंने कोर्ट द्वारा राहुल गांधी को 2 साल की सज़ा के बाद संसद की सदस्यता खत्म किए जाने पर कहा कि, राहुल गांधी की संसद सदस्यता उन्हीं की मनमोहन सिंह की सरकार में बनाए कानून से गई है, उन्होंने कहा कि पहले ऐसा नहीं था , इन्होंने ही उस अध्यादेश को फाड़ा था , तब ये अध्यक्ष थे या सोनिया जी थी ये ठीक से याद नहीं है, लेकिन इस कानून में 30 दिन अपील का समय मिलता था , इसकी वजह से सबसे पहले सदस्यता लालू यादव की गई थी और उसके बाद अन्य संसद सदस्य भी उस कानून की जद में आए थे, और राहुल गांधी को जिस कोर्ट ने सजा सुनाई है उसमें 30 दिन का समय है , वह अपील में जा सकते हैं । उन्होंने एक शेर पढ़कर कहा घर को आग लग गई घर की ही चिराग से यही हुआ है राहुल गांधी के साथ उन्हीं की सरकार के बनाए कानून से आज वह अपनी सदस्यता खो चुके हैं अन्यथा पहले ऐसा कानून नहीं था। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता जाने का उन्हें भी अफसोस है ।