गाजीपुर ।
आज जहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अपने एक दिवसीय प्रवास कार्यक्रम के तहत गाजीपुर के जखनिया स्थित सिद्धपीठ हथियाराम मठ में पहुंचे और वहाँ पहुँचकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत मठ के चातुर्मास अनुष्ठान में शामिल हुए ।
इस दौरान आरएसएस प्रमुख भागवत ने मठ में दर्शन , पूजन , रुद्राभिषेक भी किया । आरएसएस प्रमुख आज मठ में ही रात्रि विश्राम करेंगे और कल सुबह मिर्जापुर के लिए रवाना होंगे । अपने प्रवास कार्यक्रम के तहत मोहन भागवत में मठ में लोगों को सम्बोधित भी किया ।
उन्होंने कहाकि सन्तो की एक विशेषता है वो दूसरो के गुणों को पहाड़ बना देते हैं । वो दूसरे की अच्छाई को मैग्नीफाई ग्लास से देखते हैं । उनके प्रत्येक शब्दो मे उनकी आत्मीयता है और ये आत्मीयता अच्छे को खींच लाती है ।
आरएसएस प्रमुख ने कहाकि सम्पूर्ण विश्व आत्मीयता का भूखा है । सबमे वही आत्मा है जो परमात्मा है । उन्होंने लोगो को सम्बोधित करते हुए कहाकि दुनिया की दृष्टि भौतिक है।प्राचीन समय मे सुख की खोज की और चरम सुख पर पहुंच गये । कुछ लोग देव प्रवृत्ति के हैं दूसरी तरफ असुर होते हैं जिनकी प्रवृत्ति सबको काबू करने की होती है ।कभी न सूखा पड़ने वाला सुख आत्मा को जानने से होता है ।उन्होंने कहाकि विज्ञान कहता है कि भगवान हमारे टेस्ट ट्यूब में आये तभी मानेंगे लेकिन हमारे पूर्वजो ने अपनी आत्मा में झाँककर देखा । उन्होंने अंतःस्फूर्ति से अपने को जाना ।सत्य को पाना है तो भौतिक दुनिया से आध्यात्मिक दुनिया मे चलो । आरएसएस प्रमुख ने कहाकि विज्ञान के बिना अध्यात्म नहीं और अध्यात्म के बिना विज्ञान नहीं है । जितनी सुविधा बढ़ रही उतना असंतोष बढ़ रहा ।
इसे समझना होगा कि मेरी उन्नति और पर्यावरण की उन्नति एक ही है । उन्होंने कहाकि शक्ति के साथ शील जरूरी है । सिकन्दर के पहले तक बाहर से कोई हमलावर आता है ये हमको पता नहीं था । 3 हजार वर्ष पहले तक हम विश्व गुरु थे।हम सारी दुनिया को ज्ञान देने वाले शिव थे।हम पूरी समृद्धि रहते हुए भी शिव बने रहे।हमारे पास सबकुछ था ।
उन्होंने कहाकि हम हमारे देवी देवताओं की पूजा मन की शांति के लिये करते हैं पर मंदिर जाने पर आपके बच्चों को पता चलता है कि उनको कोई देखने वाला है।हम जो करते हैं वो भरना पड़ता है इसलिए अच्छा करो।एकांत में साधना और लोकांत में परोपकार होना चहिए । आरएसएस प्रमुख ने कहाकि आजकल कई जगह सरकार आकर मंदिर ले लेती है।भक्तों को चिंता करनी चाहिये अपने मंदिर ठीक रहें और चलते रहें और पूरा भारत भारत माता का मंदिर है।अपना हित बलिदान करके देश हित सोचें इसके लिये मन साफ होना चाहिये ।
उन्होंने कहाकि हम सबको शिव संकल्प लेना चाहिए भारत को मॉडल बनाना है तो हमको मॉडल बनना होगा आदर्श होना होगा।अच्छी बातें सोचकर मन को ठीक रखना शिव की आराधना है।शिव शक्ति संकल्प युक्त मन हो ।