गाजीपुर ।
भारत सरकार के द्वारा साल 2025 तक क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम चलाया जा रहा है जिसके तहत विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर 2025 तक क्षय रोग को खत्म करने की योजना है , लेकिन इस योजना को विभाग के द्वारा ही पलीता लगाने का काम किया जा रहा है।
जनपद गाजीपुर में सरकारी और निजी चिकित्सालय में मिलाकर 3156 टीबी के मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमे से 170 मरीज एमडीआर है। जिन्हें भारत सरकार की योजना के तहत निशुल्क दवा के साथ ही पोषण हेतु ₹500 प्रतिमाह दवा चलने तक दिया जाना है ।
लेकिन जनपद गाजीपुर के टीबी के मरीज और उनके परिजन लगातार परेशान नजर आ रहे हैं कारण की उन्हें पिछले काफी दिनों से विभाग की तरफ से दवा उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
ऐसे ही एक मरीज के परिजन जो पूर्व में नगर पालिका परिषद के सभासद भी रह चुके हैं जिनके खुद की पुत्री एमडीआर मरिज हो चुकी है जिसे 18 महीने तक दवा चलाया जाना जरूरी है यदि दवा बीच में छूट जाती है तो यह कोर्स उस दिन से पुनः 18 महीने तक चलना होता है । जिसके लिए यह विभाग के कई चक्कर लगा चुके हैं और दवा नहीं मिलने पर बाजार से भी दवा की खरीदारी कर रहे हैं । लेकिन बाजार में यही दवा महंगे मूल्य पर मिल रही है। जिसको लेकर परेशान है और इस संबंध में इन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में एक पत्र भी दिया है ।
वही इस संबंध में क्षय रोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ मिथिलेश सिंह से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया कि विभाग के द्वारा अप्रैल माह से ही दवा की सप्लाई कम कर दी गई है और पिछले एक-दो माह से दवा नहीं आ रही है सिर्फ विभाग से पत्र आ रहा है लोकल परचेज करने के लिए जिसके लिए उनके द्वारा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को लोकल परचेज के लिए फाइल भेजी गई है जो दो महीना बीत जाने के बाद भी अभी तक खरीदारी नहीं की गई है ।