गाज़ीपुर ।
बिरनो ब्लॉक के ग्राम पंचायत बोगना में अंबेडकर पार्क में दिनांक 26 नवंबर 2023 को संविधान दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुनील राम जी ने कहा कि ” दुनिया में जितनी भी किताबें हैं उन सब में भारतीय संविधान को हम सबसे महान किताब मानते हैं । जो बाबा साहब डॉ.आंबेडकर के अथक प्रयासों की देन है। ”
उन्होंने कहा की बाबा साहब के प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए उनके द्वारा निर्मित भारतीय संविधान एवं बाबा साहब अंबेडकर को हम कोटि-कोटि नमन करते हैं ।
उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान 2 वर्ष 11 माह 18 दिन में तैयार हुआ था। संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ.भीमराव अंबेडकर के द्वारा संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ.राजेंद्र प्रसाद जी को 26 नवंबर सन् 1949 को सौपा गया।
संविधान में 25 भाग 395 अनुच्छेद (Articles) एवं 12 अनुसूचियां (Schedules) है।
बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक माना जाता है। डॉ अंबेडकर की एक जीवनी *ए पार्ट अपार्ट दी लाइफ लाइफ एंड थॉट ऑफ़ बी आर अंबेडकर* में लिखा गया है कि diabetes and blood pressure से पीड़ित अर्थात खराब स्वास्थ्य से जुझते हुए बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने दुनिया का सबसे बड़ा संविधान भारत को दिया है । बाबा साहब ने संविधान को तैयार करने में काफी श्रम किया था ।
अंग्रेजी भाषा में प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के द्वारा सुंदर शब्दों में हस्तलिखित भारतीय संविधान की मूल प्रति में 1,86,385 शब्द है । जिसका वजन 3.5 किलोग्राम है। जो 151 पेज का है। किसको बनाने में 64 लख रुपए खर्च हुए थे ।
भारतीय संविधान की मूल प्रति ग्वालियर के सेंट्रल लाइब्रेरी में रखी हुई है। उसके मूल प्रति पर डॉ राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू सहित संविधान सभा के सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। *भारत का मूल संविधान का पहला प्रकाशन जो 1000 प्रति में था देहरादून के सर्वे आफ इंडिया के प्रेस में छपी थी ।
भारतीय संविधान को संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारतीय संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया था। जिसे 26 जनवरी 1950 को रूप से अपना ले लिया गया। जो आज गणतंत्र दिवस (Republican day) महान राष्ट्रीय पर्व के रूप में प्रतिष्ठापित है।
बता दे की 19 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय एवं और अधिकारिता मंत्रालय ने 26 नवंबर को *”संविधान दिवस”* के रूप में मनाने का भारत सरकार के निर्णय को अधिसूचित किया गया ।
भारतीय संविधान के मूल प्रति को एक गैस चैंबर में रखा गया है। मूल प्रति के हर पन्नों पर सोने की पत्तियों के फ्रेम बने हैं तथा हर अध्याय के आरंभिक पृष्ठ पर एक कलाकृति भी बनाई गई है ।
हाथ से लिखी संविधान के मूल प्रति को फलालेन के कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बांल्स के साथ नाइट्रोजन गैस की एक चेंबर में रखा गया है। यह गैस चैंबर संसद भवन के पुस्तकालय में बनाया गया है जो वैज्ञानिक विधि से तैयार किया गया है जिसकी सीसीटीवी कैमरे से निरंतर निगरानी की जाती है।
पीतल से तैयार संविधान के प्रति का वजन 32 किलोग्राम है। जो विशेष हीलियम से भरे एक डब्बे में रखी गई है ।
भारतीय संविधान का हिंदी अनुवाद डॉ. रघु वीरा के द्वारा स्वेच्छया किया गया था जिसे 1950 में संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद के आज्ञा से प्रकाशित हुआ । वर्तमान की सरकारी बाबा साहब के संविधान को भी समाप्त करना चाहती है आज संविधान भी खतरे में हैइसलिए हम लोगों को जागरुक होकर अपने अधिकार को समझना होगा और देश की एकता और अखंडता के लिए हमें संघर्ष करना होगा।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लाल साहब यादव , चंद्रिका सिंह , राजेश गुप्ता , हामिद अली , लाल मोहम्मद , ज्ञान प्रकाश सिंह , देवनारायण सिंह , विद्याधर पांडे , सुमन चौबे , संगीता राजभर , प्रमिला देवी , बृजेश कुमार , विभूति राम , अवधेश भारती , शंभू सिंह कुशवाहा , गुलवास यादव , चंद्रभान सिंह , दीनानाथ यादव , हीराराम , रामलाल , जफरुल्लाह अंसारी , गयासुद्दीन अंसारी , राजेंद्र यादव , बृजेश सिंह मोहन राम आदि लोग मौजूद थे ।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्लॉक अध्यक्ष विद्याधर पांडे जी ने किया तथा संचालन कार्यवाहक जिला अध्यक्ष लाल साहब यादव ने किया।