गाजीपुर ।
सूबे की सरकार जहां एक तरफ भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार मुहिम चला रही है , वही प्रधानमंत्री आवास दिलाने के बदले में लाभार्थियों से गांव के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा अवैध धनउगाही करने का मामला खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है ।
बताते चले कि बीते दिनों देवकली ब्लॉक के आलमपुर गांव की प्रधान के पति केदार बिंद पर पीएम आवास योजना के कई लाभार्थियों से 10 से 20 हजार रूपए अवैध वसूली करने का गंभीर आरोप लगा था । इस आरोप की पुष्टि के लिए जब केदार बिंद से पूछा गया था तो जैसे वो भड़़क उठे थे और कहा कि था जब से प्रधान बने हैं , तब से आरोप लग रहा है। लेकिन बात यहीं तक नहीं रही फिर ग्राम प्रधान ने भोजपुरी में कहा था कि ‘कौउनो बात ना, खबर देखा के फांसी लगवा दिहा।’ यानी उनका कहना था कि ये खबर दिखाकर मुझे फांसी लगवा दीजिए।
कुछ दिनों पहले इस संबंध में पी. डी राजेश यादव ने बताया था कि पीएम आवास वसूली मामले में बहुत सारे ग्राम प्रधानो पर एफआईआर दर्ज भी कराई गई है, कई सचिवों के ऊपर भी कार्यवाही की गई है ।
मामले की जांच कराकर कई ग्राम प्रधान को दोषी पाये जाने पर संबंधित थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है ।
वही देवकली ब्लॉक के आलमपुर गांव की प्रधान के पति केदार बिंद पर भी आरोप लगा हुआ देख पी.डी राजेश यादव ने जांच करने के लिए बीडीओ देवकली को निर्देशित किया था यह बात खुद पी.डी राजेश यादव ने मीडिया को बताई थी।
लेकिन वावजूद इसके मजेदार बात तो यह है कि इस संबंध में जब बीडीओ देवकली से वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे संज्ञान में मामला ओरली है लिखित आने पर ही जांच की कार्यवाही करूंगा । हमारे पास जो भी प्रकिया है उसी प्रकिया के तहत कार्य होगा ।
अब जरा आप भी सोचिए कि एक जिम्मेदार अधिकारी भ्रष्टाचार के मामले को कैसे टाल मटोल कल रहे हैं। सूत्रों की मानें तो ग्राम प्रधान पर जांच कर कार्यवाही इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि कि ग्राम प्रधान की पहुंच बहुत ऊंची है ।