गाजीपुर ।
कुछ अधिकारियों की बात ही अलग होती है , ऐसे ही एक अधिकारी है करंडा के बी.ई.ओ. रविन्द्र सिंह ! इस तरह के अधिकारी मात्र कुछ वर्ष करंडा में रह जाय तो समस्त करंडा की शिक्षा व्यवस्था में सुधार आ जाएगा।
जानकारी के अनुसार कुछ दिनो पहले एक पत्रकार ने इसका बीड़ा उठाया था , लेकिन कुछ शिक्षक ही आपस में मिलकर शिकायत करने लगे । बेसिक शिक्षा क्षेत्र करंडा का बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां के बीईओ रवीन्द्र सिंह का चाबूक लगातार लापरवाह शिक्षकों के लिए भारी पड़ रहा है। अभी एक प्रभारी प्रधानाध्यपक के निलंम्बन से एक गुट के शिक्षकों के भीतर भड़की ज्वाला ठंडी भी नहीं हुई थी कि शुक्रवार को एक बार पुनः बीईओ की रिपोर्ट पर कम्पोजिट विद्यालय धरम्मरपुर करंडा के सभी स्टाफों का वेतन बीएसए हेमंत राव ने अग्रिम आदेश तक के लिए रोक दिया है। इस कार्रवाई से एक गुट के सभी शिक्षक पूरी तरह से बौखला गये है।
हालांकि उनकी बौखलाहट का कोई खास असर बीएस और बीईओ पर नहीं पड़ रहा है क्योकि कार्य में लापरवाही बरतने के मामले को लेकर ही कार्रवाई जारी की गई है। ऐसे में एक गुट के शिक्षकों में जबरदस्त रोष व्याप्त है, लेकिन उनके साथ वहीं कहावत सटीक बैठ रही है कि ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोंचे’।
बता दे की बेसिक शिक्षा विभाग के लोगों को भले ही बताने की जरुरत नहीं है, लेकिन आमलोगों को बताते चले कि करंडा शिक्षा क्षेत्र पूरी तरह से राजनीति का अखाड़ा बन गया है। यहां के शिक्षकों का एक गुट और बीईओ पूरी तरह खुलकर आमने-सामने हो गये हैं एक ओर शिक्षकों का गुट जहां बीईओ पर भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप लगा रहा है वहीं बीईओ का कहना है कि कार्य में लापरवाही करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रहा है इसलिए कुछ शिक्षक उनसे नाराज होकर उन पर अनाप-सनाप आरोप लगा रहे है। वहीं दूसरी ओर बीईओ से नाराज शिक्षकों का गुट यह कह रहा है कि बीईओ एक सुनियोजित साजिशत के तहत जिसमें कुछ बाहर के लोग भी शामिल है उनके साथ मिलकर हम लोगों के खिलाफ बिना किसी आधार के कार्रवाई पर कार्रवाई किए जा रहे है।
करंडा शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों का गुट और बीईओ में से कौन सहीं है और कौन गलत इस बात का फैसला कौन करेगा । यह सवाल तो सभी के जेहन में कौंध रहा है, लेकिन पूरे प्रकरण का बारीकी स्तर से जांच की गई है तो बीईओ की कार्रवाई की कुछ सत्यता सामने आ रही है । क्योकि बीईओ ने जिस आधार पर सम्बंधित शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट बीएसए को भेजी थी उसमे सबसे अहम बिंदु यह था कि विभागीय कार्य में इन शिक्षकों ने घोर लापरवाही बरती हुई है ।
बीईओ द्वारा लगाया गया आरोप आधार से पूर्ण है या आधार विहीन इस बात का फैसला तो बीएसए के हाथ में है। बीईओ के रिपोर्ट पर बीएसए ने भी वहीं कार्रवाई की जो उन्हें करनी चाहिए थी ।
छात्र नामांकन और उपस्थिति, विद्यालय का शैक्षिक परिवेश, विद्यालय का कायाकल्पऔर कम्पोजिट ग्रांट का उपभोग , एमडीएम संचालनकी स्थिति , विद्यालयीय अभिलेखों का रख रखाव , विद्यालय में बने मतदेय स्थल बनने वाले कक्षों की भौतिक स्थिति , प्रभारी प्रधानाध्यापक का कार्य व व्यवहार , इन सभी बिंदुओं पर भरपूर खामियां मिलने के उपरांत ही आगे की कार्यवाही की गई है ।
इस मामले में करंडा बी.ई.ओ. से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि कम्पोजिट विद्यालय धरम्मरपुर में पूरी तरह से अव्यवस्था फैल गई थी। वहां की लगातार शिकायत मिल रही थी। जांच के बाद शिकायत सही पाई गई है । इसपर रिपोर्ट तैयार कर मेरे द्वारा बीएसए को सौंपी गई थी जिसके बाद बीएसए के निर्देश पर वेतन रोके जाने की कार्रवाई की गई है ।