गाजीपुर ।
जनपद के जिलाधिकारी कार्यालय पर बुधवार को भारी संख्या में महिलाएं और पुरुष अपने हाथों में पानी भरने वाले डिब्बों को लेकर अत्यधिक संख्या में पहुंचे। इस दौरान कार्यालय पर जिला अधिकारी का वाहन नहीं देखने के बाद इन सभी लोगों ने अंदर बैठे अधिकारियों को आवाज देने के लिए डिब्बे को पीट कर आवाज दिया। इसके बाद अंदर बैठे अधिकारी इन लोगों से मिलने के लिए बाहर निकले और इन लोगों ने अपनी पूरी व्यथा प्रभारी जिला अधिकारी के रूप में बैठे एडीएम भू राजस्व अमरेंद्र को दिया।
समाजसेवी सिद्धार्थ राय जो पूर्व में साल 2014 से 2019 के मध्य गाजीपुर के सांसद रहे मनोज सिन्हा के प्रतिनिधि भी रहे हैं। उनके साथ यह महिलाएं देवकली ब्लाक के शिकारपुर गांव से सैकड़ो की संख्या में इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा में बैठकर जिला मुख्यालय पहुंचकर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे। इन लोगों की मांग यह थी कि उनके गांव में आजादी के बाद से अब तक पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते इन लोगों को दूसरे गांव में लगे एक हैंड पंप जिसकी दूरी करी 2 किलोमीटर के आसपास है उस पानी लाकर पीते हैं।
ऐसा भी नहीं कि उनके गांव में पानी के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई थी सिद्धार्थ राय ने बताया कि मायावती के शासनकाल में बगल के गांव में एक पानी टंकी का निर्माण कराया गया था लेकिन वह पानी टंकी पिछले कई सालों से पानी नहीं दे रहा है जिसके लिए एक बार उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से उसे ठीक भी करवाया था लेकिन पिछले 7 8 सालों से वह टंकी भी खराब पड़ी हुई है जिसके चलते ग्रामीणों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
सिद्धार्थ राय और ग्रामीणों ने प्रभारी जिला अधिकारी को ग्रामीणों के समस्याओं से संबंधित पत्रक सौंपा।और उन्हें दो दिनों का अल्टीमेटम दिया यदि दो दिनों में उनकी समस्याओं को देखते हुए वैकल्पिक व्यवस्था जिला प्रशासन के तरफ से नहीं की गई तो दो दिनों के बाद न सिर्फ शिकारपुर के ग्रामीण बल्कि आसपास के ग्रामीण भी गांधी जी की प्रतिमा के साथ सड़कों पर लेट कर सत्याग्रह और अंश करने को मजबूर होंगे।
इस पूरे मामले को लेकर प्रभारी जिला अधिकारी अमरेंद्र ने बताया कि इन लोगों का पत्रक मिला है और जिलाधिकारी को इस मामले का संज्ञान में लाया जाएगा उसके बाद जिलाधिकारी जो भी निर्णय लेगी उनके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
वही ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उनके ग्राम प्रधान के द्वारा उनके गांव में पानी की व्यवस्था करने के नाम पर ग्राम पंचायत के निधि से भी लाखों रुपए का बंदर बाट किया गया है ।