गाजीपुर ।
शहर में तमाम स्थानों पर रखे खुले में ट्रांसफॉर्मर मौत को लगातार दावत दे रहे हैं । विभागीय अधिकारियों की इस लापरवाही से किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है । सुभाषनगर स्थित शाह फैज पब्लिक स्कूल के दरवाजे के पास रखे ट्राली ट्रांसफॉर्मर को हटवाने के लिए विद्यालय प्रशासन अधिकारियों के चक्कर लगा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है । स्कूल के मुख्य गेट के सामने रखे ट्रांसफॉर्मर के कारण स्कूल के बसों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल प्रबंधन के मुताबिक कई हफ़्तों से ट्रांसफार्मर जल जाने के कारण ट्रॉली ट्रांसफार्मर लगाया गया था। जो अभी तक विद्युत विभाग द्वारा अभी तक हटाया नही गया है ।
वही विद्यालय प्रशासन ने बताया कि ट्रॉली ट्रांसफार्मर लगने के कारण बसों को आने जाने में दिक्कतें तो आ ही रही हैं साथ ही बच्चों में भी इसको लेकर भय का माहौल बना हुआ है। शाह फैज स्कूल के समीप लगाए गए ट्रांसफॉर्मर में कई बार आग भी लग चुकी है । स्कूल के बच्चे कई बार बाल-बाल बचे भी हैं ।
शिकायत के बावजूद ट्रांसफार्मर को हटाने या सुरक्षित करने की जहमत विद्युत विभाग द्वारा अभी तक नहीं उठाई गई है । विद्यालय के मुख्य गेट पर विद्युत ट्रांसफॉर्मर रखा हुआ है। पिछले हफ्ते स्पार्किंग होने से कई बच्चे भी घायल होने से बच गए थे । कई बार अधिकारियों को ट्रांसफॉर्मर हटाने के बारे कहा जा चुका है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है । किसी भी समय किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता । 10 और 26 जुलाई को विद्यालय के निदेशक डॉ नदीम अदहमी ने विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता द्धितीय के अधिकारी को पत्र के माध्यम से इस मामले का संज्ञान भी दिलाया था लेकिन अभी तक विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की गई है ।
ऐसा ही एक मामला नगर के मिश्रबाजार स्थित एक स्कूल का है। जहां भी एक ट्रांसफार्मर लगाया गया है जो खुले में है। इस स्कूल के बच्चे भी डर डर के स्कूल जाने पर विवश हैं । क्योंकि विद्युत विभाग के अधिकारी तो मौन साधे हुए हैं ।
वही एक मामला नगर के सैय्यदवाड़ा मोहल्ले के मल्लू के दुकान के ठीक सामने रोड पर रखे ट्रांसफार्मर की है जो कि एकदम से मैन रोड से सटा हुआ रखा है जिसमे की कभी भी आने जाने वालों के सटने का डर लगा रहता है । इतना सब कुछ विभाग की जानकारी में होने के वावजूद भी विभाग के कानों तक ऐसा लगता है कि बात ही नही पहुंची है , या यूं कहें कि सब कुछ जानने के बाद भी विभाग मौन साधे पड़ा है।