
गाजीपुर ।
बुधवार को मौनी अमावस्या के शुभ अवसर पर गाजीपुर के चीतनाथ व ददरी गंगा घाट समेत कई अन्य गंगा घाटों पर लगभग 20,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने सुबह साढ़े 10 बजे तक इस अवसर पर स्नान कर चुके थे । इसके बाद भी पूरे दिन गंगा में श्रद्धालुओ की डुबकी लगाने का सिलसिला निरंतर जारी रहा ।
बता दे की गंगा स्नान को लेकर जिला प्रशासन के द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे । वही लगातार भारी फोर्स के साथ जिलाधिकारी , पुलिस अधीक्षक , क्षेत्राधिकार नगर , सदर तहसीलदार , नगर के समस्त घाटों की पेट्रोलिंग भी कर रहे थे ।
इस बाबत सीओ सुधाकर पाण्डेय ने बताया कि सुबह साढ़े 8 बजे तक 10 हजार से ज्यादे श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगा ली थी। अभी भी कई श्रद्धालुओं के गंगा घाटों पर स्नान करने आने का सिलसिला जारी है । अगर सुरक्षा की बात करें गंगा घाटों पर पुलिस , पीएसी के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों को भी लगाया गया है । जहां पर श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा की दृष्टि से लाउड स्पीकर से गंगा में बने बैरिकेडिंग के अंदर ही नहाने की अपील भी की जा रही है । श्रद्धालुओ की सुरक्षा की दृष्टि से गंगा में नाव से बैरिकेडिंग भी की गई है और उस नाव पर गोताखोरों की भी तैनाती की गई थी ।
चीतनाथ घाट के निवासी बावब दास ने बताया कि मौनी अमावस्या के इस शुभ अवसर पर बुधवार की अलसुबह लगभग 2:30 से ही हमारे घाट पर लोगो ने स्नान आरम्भ कर दिया था , मेंने स्वयं ही लगभग 3 से 3:30 के बीच ही अपने पूरे परिवार समेत स्नान करने के पश्चात पूजन अर्चन किया था । उनसे पूछने पर उन्होंने बताया कि एकदम सटीक तो नहीं परंतु अब तक लगभग 20000 से ज्यादा ही लोगों ने इस अवसर पर गंगा नदी में श्रद्धा की डुबकी लगाई है ।
ज्ञातव्य हो कि श्रीमद् भगवद गीता में मौन को तप कहा गया है और ऐसा माना जाता है कि इस तिथि पर मौन व्रत रखने से तप के समान ही मनुष्य को पुण्य फल भी मिलता है । अपनी इच्छाओं पर काबू पाने के लिए युगों से मौन व्रत किया जा रहा है । इस व्रत से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है । इससे डिप्रेशन , चिंता और तनाव में कमी आती है । इससे सेल्फ कंट्रोल और सहनशक्ति भी बढ़ती है ।