गाजीपुर ।
शहर की भाग दौड़ की जिंदगी में आपके घर से गंतव्य तक पहुंचने के लिए आपके निजी वाहन चाहे वो दोपहिया हो या चार पहिया या फिर कमर्शियल वाहन या ई रिक्शा जो आजकल आम नागरिकों के जीवन का हिस्सा सा बन गया है ।
लगभग छह सात साल पहले गाज़ीपुर की सड़कों पर आए ई रिक्शा को लोगों ने बड़ी राहत के तौर पर देखा , क्योंकि इसका सफर किफायती है , लेकिन कम कीमत में उपलब्ध यातायात आजकल मुसीबत के साथ जान के लिए बड़ा खतरा बन गए हैं ।
अधिकांशत में ये न सिर्फ यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं , बल्कि सवारियों की जान भी जोखिम में डाल रहे हैं ।
गाज़ीपुर में सैकड़ो की संख्या में ऐसे ई-रिक्शा हैं जो बिना पंजीकरण के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। किसी में लाइट नहीं है तो कोई पूरी तरह से जर्जर हाल में है। इन्हें नियंत्रित करने के लिए नियम तो हैं , लेकिन सड़क पर इसे अमलीजामा पहनाना एक चुनौती बन गया है ।
इस बारे में पीटीओ मनोज कुमार ने भी गलतियों को मानते हुए करवाई की बात कही है और बताया कि एक आंकड़े के अनुसार बीते वर्ष 2020-21 की अपेक्षा 2021-22 में दुर्घटनाएं कम हुई है जबकि दुर्घटना में मौतों का आंकड़ा ज्यादा है , वहीं उन्होंने विभागीय अधिकारियों द्वारा वाहन फिटनेस और ड्राइविंग लाइसेंस में मनमानी के आरोप पर को भी संज्ञान में लेने की बात करते हुए कहा कि आजकल हर चीज ऑनलाइन हो चुकी है और उसका पालन सभी को करना है ।
फिलहाल वाहनों के फिटनेश और ड्राइविंग लाइसेंस में लापरवाही के मामले में आरआई के खिलाफ एडीएम अरुण सिंह के द्वारा जांच भी की जा रही है ।