गाज़ीपुर ।
आज दिनांक 3 मार्च को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा गाजीपुर के तत्वाधान में मशहूर शायर रघुपति सहाय फिराक गोरखपुरी जी की पुण्यतिथि पर महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव के चंदन नगर स्थित आवास पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।
गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि वह उर्दू साहित्य के विद्वान और मशहूर शायर ही नहीं बल्कि एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे । स्नातक करने के बाद ही वह पीसीएस हो गये थे लेकिन गांधी जी का एक भाषण सुनने के बाद उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और देश की आजादी की लड़ाई में कूद पड़े । स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान वह जेल भी गये । वह बहुत ही स्वाभिमानी व्यक्ति थे , आर्थिक संकट में भी उन्होंने नेहरू जी जैसे मित्र के सामने हाथ फैलाना उचित नहीं समझा बल्कि अपना मकान बेचकर अपनी जरूरत पूरी किया ।
उनका नाम हिंदी उर्दू साहित्यकारों के बीच बड़े ही अदब से लिया जाता है । वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी की अध्यापक भी रहें । उन्हें साहित्य अकादमी और पद्मश्री सम्मान से भी नवाजा गया । इस महान शायर को याद कर आज कायस्थ समाज अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है ।
इस संगोष्ठी में मुख्य रूप से मुक्तेश्वर प्रसाद श्रीवास्तव , पियूष श्रीवास्तव , सत्यप्रकाश श्रीवास्तव , कौशल श्रीवास्तव , चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव , शैल श्रीवास्तव , मोहनलाल श्रीवास्तव , अमरनाथ श्रीवास्तव , विवेक श्रीवास्तव , गौरव श्रीवास्तव , अमर सिंह राठौर , कमल श्रीवास्तव , संदीप वर्मा , मोहनलाल श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे ।
इस संगोष्ठी का संचालन जिला उपाध्यक्ष शैल श्रीवास्तव ने किया ।