गाज़ीपुर ।
आज दिनांक 19 मार्च को अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की मासिक बैठक महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में उन्हीं के चंदन नगर स्थित आवास पर आयोजित हुई ।
इस बैठक में सदस्यता अभियान, संगठन के विस्तार,समाज में लगातार फैल रही दहेज जैसी कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाने और शादी एवं तेरहवीं जैसे अवसरों पर फिजूलखर्ची रोकने , समाज के गरीब बच्चों को शिक्षण कार्य के लिए आर्थिक मदद करने जैसे तमाम विषयों पर गंभीर रूप से चर्चा की गयी ।
इस बैठक में दिनांक 26 मार्च को मशहूर कवियित्री महादेवी वर्मा जी की जयंती पर माल्यार्पण कार्यक्रम एवं विचार गोष्ठी आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया , बैठक के दौरान जूनियर शिक्षक संघ नगर क्षेत्र का महामंत्री चुने जाने पर पियूष श्रीवास्तव जी का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया और उनका मुंह मीठा कराकर बधाई दी गयी । इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि होने वाले नगर निकाय के चुनाव में यदि राजनीतिक दलों ने कायस्थ समाज को प्रत्याशी नहीं बनाया तो कायस्थ महासभा अपना प्रत्याशी लड़ाएंगी ।
इस बैठक को संबोधित करते जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने समाज के लोगों से अपने जमीन और जमीर की रक्षा करने का आह्वान करते हुए कहा एकजुटता समय की जरूरत हैं । उन्होंने कहा कि समाज का यह पढ़ा लिखा वर्ग घोर राजनैतिक उपेक्षा का शिकार है । सियासी गलियारों में लगातार हमारी पकड़ कमजोर होती जा रही है । हम लगभग नेतृत्व विहिन हो चले हैं। यह हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है । हमें एकजुट होकर समाज में गंभीर नेतृत्व पैदा करने की जरूरत है ताकि हमारे मुश्किल के दिनों में हमारा नेता हमारे साथ मजबूती से खड़ा होकर हमारी लड़ाई लड़ सके । बैठक के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली की बधाई दी ।
इस बैठक में मुख्य रूप से पियूष श्रीवास्तव , सत्यप्रकाश श्रीवास्तव , चन्द्रप्रकाश श्रीवास्तव , परमानन्द श्रीवास्तव , मोहनलाल श्रीवास्तव , अजय कुमार श्रीवास्तव , प्रमोद कुमार श्रीवास्तव , अनूप कुमार श्रीवास्तव , अजय कुमार श्रीवास्तव , अश्वनी कुमार श्रीवास्तव , नवीन कुमार श्रीवास्तव , अमरनाथ श्रीवास्तव , अमर सिंह राठौर , अरुण सहाय , सुनील दत्त श्रीवास्तव , गौरव श्रीवास्तव , अवनीश वर्मा , कमल प्रकाश श्रीवास्तव , मोहनलाल श्रीवास्तव , विवेक श्रीवास्तव , अजय कुमार श्रीवास्तव , आदि उपस्थित थे । इस बैठक का संचालन मोहन लाल श्रीवास्तव ने किया।