गाजीपुर ।
गाजीपुर में लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 के तहत नामांकन के तीसरे दिन 75 लोकसभा गाजीपुर के लिए निर्दल प्रत्याशी कुबेर राम अपनी पत्नी के साथ ई रिक्सा चलाते हुए नामांकन करने नामांकन स्थल पहुंचे ।
जहां पर डीएम कार्यालय में पहुंच कर एक सेट में उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया । नामांकन करने के बाद नामांकन स्थल से बाहर निकलते हुए उन्होंने मीडिया से बातचीत की । बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि मैंने चुनाव लड़ने के लिए नामांकन किया है ।
वही मीडिया ने मुद्दों के बारे में उनसे जानने का प्रयास किया तो उन्होंने बताया कि गाजीपुर में हवाई अड्डा चालू करना है । इस दौरान उंन्होने कहा कि 2019 में हमने कहा था तो रेल लाइन का दोहरीकरण का मुद्दा उठाया था, जो पूरा हुआ। लेकिन ताड़ीघाट से मऊ रेल लाइन नहीं बन सकी। इस दौरान उन्होंने गाजीपुर में कोई विकास नहीं हो रहा है यहां पर कोई कितना भी बड़ा नेता जीते या हारे मगर कोई विकास यहां नहीं हो रहा है । गरीबी अन्य जगहों से गाजीपुर में ज्यादा है।
इस दौरान कुबेर राम ने मीडिया को बताया कि हम 2009 से लगातार चुनाव लड़ रहे हैं और अभी तक लड़ रहे हैं ।
इस दौरान उन्होंने बताया कि आज हमने नामांकन इस बार जनता राज पार्टी से किया है । इस दौरान उन्होंने कहा कि 2009 से लोकसभा व विधानसभा चुनाव लगातार लड़ते आ रहे हैं और हम तकरीबन 41 साल से रिक्शा चला रहे हैं । लेकिन पिछले 1 साल से अब टोटो चला रहे हैं ।
इस दौरान रिक्शा चालक कुबेर राम ने यह भी बताया कि 2009 में जो हमने नामांकन किया था तो हमारा पर्चा खारिज कर दिया गया था । हमको बहुत अच्छा लगा था। क्योंकि अधिकारी मेरा तलवा चाट रहे थे तो मुझे लगा कि चुनाव बहुत अच्छा चीज है। अगर हम चुनाव जीत गए तो हम बहुत सारा विकास का कार्य करेंगे । इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा की जैसे अन्य प्रदेशों में तमाम कंपनियां हैं । वह हमारे पूर्वांचल क्षेत्र में भी आ जाएं ताकि हमारे क्षेत्र का विकास हो सके । इस दौरान उन्होंने कहा कि चुनाव खर्च के लिए पहले इधर-उधर से कर्ज लेकर चुनाव लड़ते थे और बाद में उसको भरते थे। लेकिन इस बार जनता राज पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं और चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की तरफ से मुझे कुछ पैसा भी मिला है और हम चुनाव लड़ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि 2 लाख तक का हमने कर्ज ले रखा है और इस कर्ज से चुनाव भी लड़ेंगे और परिवार का पेट भी पालेंगे। जब 2014 में चुनाव लड़ा तो मनोज सिन्हा चुनाव जीत गए और जब हम चुनाव नहीं लड़े, तो मनोज सिन्हा चुनाव हार गए। इस बार मुझे उम्मीद है कि हम खुद चुनाव जीत जाएंगे ।