जौनपुर ।
पत्नी की प्रताड़ना से परेशान होकर एक होनहार नौजवान ने आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लिया है । उसने सुसाइड से 40 पेज का सुसाईड नोट छोड़ रखा है । अपनी जान देने से पहले अतुल सुभाष ने 90 मिनट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है । उसके बाद फिर क्या उस सुसाईड केस ने एक बहस का रूप ले लिया है ।
ज्ञातव्य हो कि जौनपुर के रहने वाले अतुल बेंगलुरु में नौकरी करते थे । उन्होंने सोमवार को आत्महत्या कर लिया था । उन्होंने जान देने से पहले अपना सुसाइड नोट और 90 मिनट का एक वीडियो भी छोड़ा है , जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों पर उत्पीड़न और उसके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया है ।
दुनिया को अलविदा कहने से पहले उन्होंने जौनपुर फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर भी घूसखोरी और उत्पीड़न का आरोप लगाया है । इस प्रकरण को लेकर अब सोशल मीडिया पर खूब हंगामा मचा हुआ है और लोग अतुल के लिए न्याय की की मांग कर रहे हैं ।
इस वीडियो के आने के बाद पुलिस ने अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले में पत्नी और उसके परिजनों के खिलाफ खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है ।
अतुल सुभाष ने अपने वीडियो में कहा , ‘जब तक मुझे प्रताड़ित करने वालों को सजा नहीं मिल जाती तब तक मेरी अस्थियों का विसर्जन न किया जाये । यही नहीं सिस्टम से परेशान अतुल ने वीडियो में यहां तक कहा है कि अगर इतने सबूत होने के बाद भी कोर्ट उन्हें सजा नहीं देती तो मेरी अस्थियों को वहीं गटर के सामने बहा दिया जाए ।
अतुल ने वीडियो में अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए अपनी पत्नी पर गंभीर आरोप लगाए हैं । उन्होंने वीडियो में बताया है कि 2019 में उनकी शादी जौनपुर की ही रहने वाली निकिता सिंघानिया से हुई थी । शुरू-शुरू में सब ठीक रहा , लेकिन जब निकिता बेंगलुरु से जौनपुर वापस लौटीं तो उसका व्यवहार बदल गया । जौनपुर पहुंचने के बाद निकिता सिंघानिया ने पति अतुल सुभाष , सास-ससुर समेत भाई पर दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस कर दिया ।
इसी मामले में जज की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अतुल ने कहा कि एक के बाद एक 140 सम्मन जारी किया गया जिसके कारण उन्हें 40 बार बेंगलूर से जौनपुर आना पड़ा ।
40 पन्नों के सुसाईड नोट में अतुल ने साक्ष्य सहित पत्नी , उसके परिवार के साथ ही जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। अतुल की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग सिस्टम को ही दोषी बता रहे हैं । पेशे से एआई इंजीनियर अतुल सुभाष आखिरकार सिस्टम से लड़ाई हार ही गए ।