
गाजीपुर ।
जीएसटी नियमों में हो रहे बदलाव को लेकर करदाताओं में उहापोह व असामंजस्य की भावना बनी हुई है ।
वहीं दूसरी तरफ जीएसटी विभाग द्वारा जारी कर निर्धारण नोटिस में खरीदारों को भी नोटिस किए जाने से ठेकेदार व व्यापारी परेशानी का सामना कर रहे हैं ।
इसे लेकर जनपद के मशहूर और वरिष्ठ टैक्स व जीएसटी एडवोकेट आमिल नियाज से बात किया गया तो उनका कहना था कि जीएसटी काउंसिल अपनी मीटिंग में कई मुद्दों पर चर्चा करती है और कुछ समस्याएँ हल भी होती है जैसे अभी हाल ही में जीएसटी अपील में राहत दी गई है ।
लेकिन इसके अलावा अगर काउंसिल कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार करता है तो करदाताओं को राहत मिल सकता है जिसमें धारा 16(4), आर सी एम, टैक्स से अधिक पेनल्टी जिसमें 180 रुपये की टैक्स और ब्याज की डिमांड का भुगतान नहीं करने पर 20 हज़ार रुपये पेनल्टी, ब्याज 18 प्रतिशत की दर की बजाय बैक ब्याज दर से 3 – 4 प्रतिशत तक ऊपर रखा जाए।
उन्होंने कहा कि इसमें प्रथम दो अर्थात धारा 16(4) एवं RCM अधिकांश मामलों में दोहरा कर है जो कि जीएसटी की मूल भावना कभी नहीं थी ।
इन सभी मुद्दों पर चर्चा के दौरान एडवोकेट आमिल नियाज द्वारा उक्त सुझाव दिए गए कि यदि जीएसटी काउंसिल इन सभी मुद्दों पर ध्यान देता है तो जीएसटी कर दाताओं को सहूलियत होगी तथा कर के रूप में सबसे ज्यादा जीएसटी कर संग्रह भी होगा।क्योंकि इसमें उलझने और उत्पीड़न के बजाय लोग जीएसटी ज्यादा से ज्यादा अदा करेंगे।