गाजीपुर ।
एक बार गाजीपुर में एक प्राइवेट अस्पताल शिव सर्जिकल की लापरवाही से जच्चा-और बच्चा दोनों की मौत का मामला सामने प्रकाश में आया है । इस बात की जानकारी होते ही सदर कोतवाल दीनदयाल पांडेय मय फोर्स के साथ तत्काल मौके पर पहुंच गये और उन्होंने मौके की नजाकत को देखते हुए लोगों को काफी समझाने बुझाने का प्रयास भी किया ।
इस घटना के बाबत परिजनों ने आरोप लगाया है प्रसूता रामप्यारी को जब वो अस्पताल लेकर आये थे तो बिल्कुल ठीक थी और खुद चलकर आपरेशन थिएटर तक पहुंची थी लेकिन आपरेशन थिएटर में जाने के कुछ देर बाद ही प्रसूता को डाक्टर सीआईआर देने लगे और उन्होंने उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया । परिजनों ने बताया कि जब वो रामप्यारी को लेकर वाराणसी गये तो डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप है कि शिव सर्जिकल अस्पताल के डाक्टर की लापरवाही की वजह से ही रामप्यारी की मौत हुई है और परिजनों ने अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है ।
बताया जा रहा है कि सदर कोतवाली क्षेत्र के सकरा गांव की रहने वाली 24 वर्षीय रामप्यारी को 3 नवंबर की रात प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सदर कोतवाली क्षेत्र के रौजा स्थित शिव सर्जिकल अस्पताल लेकर गये ।
इस मामले में परिजनों ने बताया कि यहां डाक्टर ए के राय ने उनसे आपरेशन की बात कही और 25 हजार रुपये की मांग की।परिजनों ने 5 हजार रुपया तत्काल जमा कराया और रामप्यारी को आपरेशन के लिये ले जाया गया जहाँ आपरेशन थियेटर तक प्रसूता खुद चलकर गयी लेकिन थोड़ी देर बाद ही परिजनों ने उसकी चीखने की आवाज सुनी और आपरेशन थियेटर की तरफ भागे ।
परिजनों ने बताया कि जब वो आपरेशन थियेटर पहुंचे तो प्रसूता को डाक्टर सीपीआर दे रहे थे और उन्होंने कहा की इसकी हालत गंभीर है । डाक्टर ने प्रसूता को वाराणसी के लिये रेफर कर दिया और वहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन डेड बाडी को लेकर वापस शिव सर्जिकल अस्पताल पहुंचे और वहां पर हंगामा किया और सदर कोतवाली में शिव सर्जिकल सेंटर के संचालक के खिलाफ तहरीर दी ।
सदर कोतवाली में फिलहाल अस्पताल संचालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जिसकी पुष्टि सीओ सिटी सुधाकर पांडेय ने की और बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज का जांच की जा रही है ।
वहीं आरोपी डाक्टर ए के राय ने बताया कि उनके यहां आने से पहले पेशेंट को किसी अन्य अस्पताल में ले जाया गया था जहां उसका इलाज किया गया था । उन्होंने बताया कि जैसे ही हम मरीज को आपरेशन थियेटर में लेकर गये वो घबड़ाने लगी । उसके बाद उसका बीपी और आक्सीजन लेबल लो होने लगा उसके बाद परिजन को बुलाकर हमने उसे हायर सेंटर ले जाने के लिये कहा और वो लोग उसे लेकर चले गये ।