
लखनऊ ।
मुख्तार अंसारी को जेल में जहर देने का आरोप लगाने वाले अंसारी परिवार को सुप्रीम कोर्ट बड़ा झटका लगा है । मुख्तार की मौत की जांच के लिए एफआईआर दर्ज करने और एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित करने की मांग वाली उमर अंसारी की याचिका को सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया है ।
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप का मामला नहीं है और इसलिए रिट याचिका खारिज कर दी ।
ज्ञातव्य हो कि बांदा जेल में बंद रहे पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी की 28 मार्च, 2024 को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी । मजिस्ट्रीयल जांच में मुख्तार की मौत की वजह हार्ट अटैक पाई गई थी ।
हालांकि मुख्तार अंसारी के परिवार ने स्लो पॉइजन देकर मारने का आरोप लगाया था । अपने आरोपों के समर्थन में परिवार , मुख्तार अंसारी से जेल से फोन पर हुई एक बातचीत के कथित ऑडियो का हवाला देता है जिसमे कथित तौर पर मुख्तार अंसारी द्वारा कहा जा रहा है कि मुझे जहर दिया जा सकता है । मुख्तार अंसारी की पोस्टमार्टम और बिसरा जांच की रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नहीं हुई थी । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की गई थी । लखनऊ भेजे गए विसरा की जांच रिपोर्ट में भी जहर की पुष्टि नही हुई थी ।
लेकिन इन सभी रिपोर्ट्स को चुनौती देते हुए मुख्तार अंसारी परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मुख्तार अंसारी की मौत की जांच की मांग की थी । मुख्तार के बेटे उमर अंसारी की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने पिछली सुनवाई में दलील दी थी कि मुख्तार की मौत की न्यायिक जांच हुई है , लेकिन अभी तक न्यायिक जांच की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है ।
इसके बाद कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की सरकर को मुख्तार की मेडिकल , मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच की रिपोर्ट उमर अंसारी को देने का निर्देश दिया था ।
इस मामले में सुनवाई के बाद बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उमर अंसारी की याचिका को खारिज कर दिया है । सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने को मुख्तार परिवार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है ।