
लखनऊ ।
उत्तर प्रदेश के नव नियुक्त पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने पदभार संभालने के बाद अपने पहले ही बयान में पुलिस और मीडिया के संबंधों को लेकर बड़ा और साफ संदेश जारी किया है। उन्होंने राज्यभर के पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि मीडिया कर्मियों को किसी भी सूरत में परेशान न किया जाए, बल्कि उनकी बातों को सम्मान और गंभीरता से सुना जाए।
🧭 डीजीपी का दृष्टिकोण: मीडिया—पुलिस रिश्ते में संवाद और सम्मान जरूरी
राजीव कृष्ण ने मीडिया को समाज का एक सशक्त और उत्तरदायी स्तंभ बताया और कहा कि मीडिया का दायित्व सिर्फ खबरें देना नहीं, बल्कि पुलिस और शासन के कार्यों को जनता तक पहुंचाना भी है। ऐसे में पुलिस अधिकारियों का यह कर्तव्य बनता है कि वे पत्रकारों से पेशेवर और सहयोगात्मक रिश्ता बनाए रखें।
“यदि कोई अधिकारी इस भावना के विरुद्ध कार्य करता है, तो पहले उसे चेतावनी दी जाएगी और आवश्यकता पड़ने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।”
💻 डिजिटल युग में पारदर्शिता की ज़रूरत
डीजीपी ने कहा कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया, वेब पोर्टल्स और डिजिटल चैनल्स के ज़रिए सूचनाएं बेहद तेज़ी से फैलती हैं। ऐसे में पुलिस को चाहिए कि वह न केवल तथ्यात्मक जानकारी समय से उपलब्ध कराए, बल्कि पत्रकारों की सहायता में बाधा बनने के बजाय सहयोगी की भूमिका निभाए।
🤝 पुलिस-मीडिया: सरकार और जनता के बीच संवाद का सेतु
राजीव कृष्ण ने जोर देकर कहा कि:
“पुलिस और मीडिया एक ऐसा सेतु हैं जो सरकार और जनता के बीच भरोसे की डोर को मजबूत करते हैं।”
उन्होंने सभी जिलों के एसएसपी, एसपी और थानाध्यक्षों को सख्त हिदायत दी कि वे पत्रकारों से संवाद बनाए रखें, उन्हें समय पर जानकारी दें और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें।
🔍 कार्यसंस्कृति में बदलाव का संकेत
राजीव कृष्ण का यह संदेश केवल एक दिशा-निर्देश नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यसंस्कृति में बदलाव का प्रारंभिक संकेत है। यह उन पुलिस अधिकारियों को स्पष्ट करता है जो मीडिया को दुश्मन समझ बैठते हैं, कि अब ऐसा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
🛡️ “पुलिस की छवि तभी सुधरेगी जब संवाद और समाधान दोनों होंगे”
डीजीपी ने कहा कि जनता का विश्वास तभी बढ़ेगा, जब उन्हें यह महसूस होगा कि पुलिस उनकी सुनती और समाधान करती है। मीडिया इसमें एक प्रभावी माध्यम की भूमिका निभाता है। इसलिए इस सहयोग को मजबूती देना ही प्रदेश की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने की कुंजी है ।
“पत्रकारों को परेशान न करें, संवाद से काम लें” — डीजीपी राजीव कृष्ण का निर्देश ।