
गाजीपुर ।
देश की रक्षा के लिए समर्पित भारतीय सेना के जवान दिनेश राम, निवासी ग्राम डिहवा, पोस्ट वासुदेवपुर, जिला गाजीपुर, का बीते सप्ताह जनपद मऊ स्थित एक निजी चिकित्सालय में हृदयाघात से आकस्मिक निधन हो गया। परंतु दुखद पहलू यह है कि आज सात दिन बीत जाने के बाद भी न तो कोई जनप्रतिनिधि, न प्रशासनिक अधिकारी, और न ही कोई सरकारी सहायता परिवार तक पहुँची है ।
दिनेश राम, जिनकी उम्र लगभग 36 वर्ष थी, भारतीय सेना में पिछले 15 वर्षों से सेवा दे रहे थे। उनका अचानक निधन पूरे गाँव और क्षेत्र के लिए शोक का विषय बन गया। लेकिन शोक और पीड़ा उस समय और गहरा हो गया, जब परिजनों और ग्रामीणों ने यह महसूस किया कि जिस बेटे ने देश के लिए वर्षों तक सेवा की, उसके अंतिम समय में न कोई साथ था और न ही बाद में कोई सहारा ।
परिजनों का कहना है कि अभी तक न कोई SDM, DM, या थाने का अधिकारी मिलने आया है, न ही किसी प्रकार की आर्थिक सहायता या पेंशन संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई गई है। यहां तक कि स्थानीय विधायक और सांसद ने भी परिवार से शोक संवेदना प्रकट करना ज़रूरी नहीं समझा ।
गाँववासियों में इस बात को लेकर गहरा रोष है। ग्रामीणों का कहना है कि “देश के लिए जान देने वालों को जब यह सिस्टम इतनी जल्दी भूल जाता है, तो आम नागरिकों की उम्मीदें कैसे जीवित रहेंगी?” ग्रामीणों ने मांग की है कि दिवंगत सैनिक के परिवार को तुरंत :—
- आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए
- एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए
- राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाए
- जनप्रतिनिधियों को संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया जाए
यह घटना एक बार फिर यह सोचने को मजबूर करती है कि क्या हमारे वीर सैनिकों को हम वही सम्मान दे रहे हैं जिसके वे हक़दार हैं ?