
गाजीपुर ।
गाजीपुर में गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और स्थिति चिंताजनक होती जा रही है। शुक्रवार रात से लेकर शनिवार सुबह तक जलस्तर में लगातार वृद्धि देखी गई है। वर्तमान में गंगा का जलस्तर 63.340 मीटर दर्ज किया गया है, जो कि खतरे के निशान (63.105 मीटर) को पार कर चुका है।
प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 12 घंटों से जलस्तर में औसतन 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा की दर से बढ़ाव दर्ज किया जा रहा है। यह स्थिति बाढ़ की गंभीर चेतावनी का संकेत है।
पिछले वर्षों की तुलना में स्थिति
- 2021 में गंगा का उच्चतम जलस्तर था: 64.680 मीटर
- 2022 में: 64.390 मीटर
- 2023 में: 61.700 मीटर
- 2019 में: 64.530 मीटर
इस बार जलस्तर पहले ही 2023 की अधिकतम सीमा को पार कर चुका है और यदि यही गति बनी रही तो आने वाले दिनों में 2022 व 2021 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने की आशंका है।
बाढ़ की स्थिति के मापदंड (मानक)
- सामान्य जलस्तर: 59.906 मीटर
- चेतावनी बिंदु (निम्न स्तर): 62.100 मीटर
- खतरे का बिंदु (मध्य स्तर): 63.105 मीटर
- उच्चतम बिंदु (उ.बा. स्तर): 65.220 मीटर
प्रशासन अलर्ट मोड में
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं और संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी तेज कर दी गई है।
फ़िलहाल वर्तमान में गंगा का जलस्तर पिछले 12 घंटे से निरंतर 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ रहा है। जिला प्रशासन अलर्ट पर है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य शुरू कर दिया गया है, तटवर्तीय लोगों को हटा दिया गया है। जिले की कुल 7 तहसीलों में से 5 तहसीलों में गंगा नदी में बाढ़ का प्रभाव देखा जा रहा है। गाजीपुर में बाढ़ राहत की तैयारी हो चुकी है। जिला प्रशासन ने बाढ़ के संभावित खतरों को देखते हुए, दो माह पहले ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली थी, कुल 160 बाढ़ चौकियां और 44 बाढ़ शरणालय स्थापित किए हैं। इसके अलावा, 500 आपदा मित्र ग्रामीण इलाकों में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए तैनात किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में नाव की व्यवस्था भी की गई है।
नोट योग्य बातें:
- वर्तमान जलस्तर 63.340 मीटर, खतरे के बिंदु 63.105 मीटर को पार कर चुका है।
- पिछले 12 घंटे से जलस्तर में लगातार 3 सेंटीमीटर प्रति घंटा की वृद्धि जारी है ।
जनता से अपील की जा रही है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें। किसी भी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी प्रशासनिक कार्यालय या आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें ।