गाजीपुर ।
स्वामी सहजानंद स्नातकोत्तर महाविद्यालय में इन दिनों स्नातक एवं स्नातकोत्तर के विषम सेमेस्टर की मध्यावधि (मिडटर्म) परीक्षाएँ संचालित की जा रही हैं ।
छात्र-छात्रा पूरी तैयारी और उत्साह के साथ अपने-अपने विषयों की परीक्षाओं में सम्मिलित हो रहे हैं। सभी विभागों की ओर से परीक्षार्थियों को परीक्षा से संबंधित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं और यह सुनिश्चित किया गया है कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो।
इस परीक्षा के दौरान महाविद्यालय परिसर में खास गहमागहमी और अनुशासन का वातावरण देखा जा रहा है। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. वी के राय ने बताया कि नई शिक्षा नीति, 2020 के प्राविधानों के अनुसार सभी सेमेस्टरों के मेजर तथा माइनर प्रश्नपत्रों में 25 अंकों की मिड-टर्म परीक्षा महाविद्यालययों को करानी होती है तथा 75 अंकों की परीक्षा विश्वविद्यालय द्वारा सम्पन्न कराई जाती है ।
मिड-टर्म परीक्षा में 15 अंकों की परीक्षा, 5 अंक का असाइनमेंट तथा 5 अंक की उपस्थिति आधारित मूल्यांकन सम्मिलित है ।
प्रो. राय ने कहा कि यह परीक्षा मुख्य परीक्षा के समान ही महत्त्वपूर्ण है. यह आंतरिक मूल्यांकन का एक हिस्सा है. इसमें प्राप्त अंक सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा के अंकों के साथ जुड़कर अंतिम परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं . प्रो. राय ने छात्र-छात्राओं को इस परीक्षा को गम्भीरता से लेने का सुझाव दिया ।
महाविद्यालय में सतत आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया के संचालन के लिए वरिष्ठतम प्राध्यापक प्रो. अवधेश नारायन राय की अध्यक्षता में एक परीक्षा समिति का गठन किया गया है जिसमे डॉ. रामधारी राम, डॉ. कृष्णानंद चतुर्वेदी, डॉ. वी के ओझा, डॉ. नित्यानंद राय आदि शामिल हैं ।