
गाजीपुर ।
ज्ञान के दीपक जलाने वाले के हाथों से जब शब्द का हत्या होने लगे , तब सवाल तो उठता ही है ।
बता दें किजिले में “चाणक्य का शिष्य” बताने वाले बीजेपी नेता पारस नाथ राय ने ऐसी गलती की है जिससे वह आजकल खूब चर्चा में हैं । उन्होंने गलत लिखे शब्दों को न सिर्फ सही ठहराया बल्कि छात्रों को उपदेश भी दिया है ।
यह गजब कारनामा तब हुआ जब भाजपा नेता अभिनव सिन्हा ने स्कूल के डिजिटल बोर्ड पर ‘शिक्षा का मंदिर’ की जगह ‘शीक्षा का मंदीर’ लिख दिया ।
राजनीति में गलत को सही और सही को गलत कहने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है , लेकिन गाजीपुर में राजनीति में दखल रखने वाले लोग अगर गलत लिखकर उसे सही ठहराएं तो छात्र कितने काबिल बनेंगे यह सोचने की बात ही है ।
ऐसा ही कुछ नजारा गाजीपुर के दुल्लहपुर इलाके के एक विद्यालय में देखने को मिला । यहां डिजिटल माध्यम से पढ़ाई कराए जाने को लेकर लगाई गई स्क्रीन पर भाजपा नेता ने ‘शिक्षा का मंदिर’ की जगह ‘शीक्षा का मंदीर’ लिख दिया यही नही उसके बाद इस लिखे हुए शब्द पर वहां के छात्रों और अन्य लोगों को उपदेश भी दिया गया ।
ज्ञातव्य हो कि गाजीपुर का जखनिया विधानसभा के अंतर्गत आने वाला दुल्लहपुर इलाका कभी नकल का गढ़ कहा जाता था । यहां पर हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में देश के विभिन्न राज्यों के कोने – कोने से छात्र आकर परीक्षा देते थे । ऐसा भी कहा जाता था कि जो जखनिया इलाके से पास नहीं हो पाएगा वह देश के किसी भी कोने से उत्तीर्ण नहीं हो पाएगा । इस इलाके के अलीपुर मदरा गांव में भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी रहे पारस राय और जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के पुत्र अभिनव सिन्हा एक विद्यालय के कार्यक्रम में पहुंचे थे ।
उन्होंने वहां पर ‘शिक्षा का मंदिर’ की जगह ‘शीक्षा का मंदीर’ लिखकर उस पर हस्ताक्षर किया । उसके बाद प्रत्याशी रहे पारस नाथ राय ने छात्रों को एक लंबा चौड़ा भाषण भी दिया और इस मामले की वीडियो वायरल भी हो गई । जिसके बाद लोग तरह – तरह के कमेंट भी पास करने लगे । लोगो का कहना है की ज्ञान का दीपक जलाने वाले हाथों से जब शब्दों की हत्या होने लगे , तब सवाल उठते ही हैं । फ़ोटो और वीडियो में अभिनव सिन्हा कॉलेज के स्मार्ट बोर्ड पर गलत लिखते हुए भी नजर आ रहे हैं ।
उनके साथ मंच पर गाजीपुर लोकसभा के पूर्व प्रत्याशी पारस नाथ राय भी खड़े हैं , जो बच्चों को उसी गलत लिखे हुए शब्द का महत्व भी समझा रहे हैं । यह वही पारस नाथ राय हैं , जो लोकसभा चुनाव के दौरान खुद को “चाणक्य का शिष्य” बताते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों पर तीखे कटाक्ष करके सोशल मीडिया पर चर्चित रहे थे ।
जब उनके सामने ‘शिक्षा’ की जगह ‘शीक्षा’ और ‘मंदिर’ की जगह ‘मंदीर’ लिखा गया , तब उनका चाणक्यत्व मौन हो गया और वह उसी गलत शब्द पर ज्ञान का भाषण भी देने लगे । यह पोस्ट सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है कि एक शिक्षक के सामने ही शिक्षा के मंदिर को भी गलत लिखे जाने के बाद अब लोगों की खूब प्रतिक्रिया भी जमकर सामने आ रही है ।