
गाजीपुर ।
अब स्वास्थ्य महकमे में किसी भी प्रकार का कोई ‘फैशन शो’ नहीं चलेगा ! अस्पताल में अब कैजुअल कपड़ों में घूमते डॉक्टरों और स्टाफ की खैर नहीं है ।
गाजीपुर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील कुमार पांडेय ने फुल टाइट मोड में आते हुए फरमान जारी कर दिया है — “जो नियम नहीं मानेगा, उसकी तनख्वाह भी नहीं बनेगी और नौकरी भी खतरे में रहेगी!”
CMO के मुताबिक, अब से हर डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मी सुबह 8 बजे तय ड्रेस कोड में—फॉर्मल पैंट-शर्ट—के साथ अपनी ड्यूटी पर हाजिर रहेगा। जींस और टीशर्ट वालों के लिए ये आखिरी चेतावनी है।
कार्यालय कर्मियों के लिए भी कोई राहत नहीं है , उन्हें सुबह 10 से शाम 5 तक बायोमेट्रिक उपस्थिति के साथ दफ्तर में मौजूद रहना होगा । इस बाबत cmo ने सभी को चेताया कि बायोमेट्रिक नहीं? तो सैलरी भी नहीं !
इतना ही नहीं—छुट्टियाँ भी अब मनमानी नहीं होंगी । कोई भी अवकाश मानव संपदा पोर्टल के जरिए ही स्वीकृत होगा और छुट्टी पर जाने से पहले समकक्ष को सूचना देना अनिवार्य होगा ।
उनका सीधा संदेश है — या तो अनुशासन में रहो , या तैयारी करो बाहर जाने की ! गाजीपुर में स्वास्थ्य विभाग अब ढीले रवैये को छोड़ , प्रोफेशनलिज्म के नए ट्रैक पर दौड़ रहा है । डॉक्टर हों या चपरासी—अब सब पर निगरानी टाइट है !