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गाजीपुर ।
जहां एक ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौसंवर्धन और गौ-रक्षा को लेकर गंभीर रहते हैं , वहीं दूसरी ओर गाजीपुर जनपद के सदर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत छावनी लाइन के सरैया स्थित एक गौशाला में गोवंशों के साथ अमानवीयता और लापरवाही की शर्मनाक तस्वीरें सामने आई हैं । यह मामला न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि मुख्यमंत्री के गौ-प्रेम की छवि को भी पूरी तरह से धूमिल करने वाला है।
गौशाला में तड़प रहे गोवंश , इलाज के लिए कोई मौजूद नहीं :–
ज्ञातव्य हो कि स्थानीय लोगों की शिकायत पर जब मीडिया टीम ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया , तो वहां का दृश्य रोंगटे खड़े कर देने वाला था। एक गौवंश जमीन पर तड़प रहा था , उसकी अंतिम सांसें चल रही थीं और कौवे उसे नोच कर खा रहे थे , लेकिन न वहां कोई पशु चिकित्सक था , न ही कोई देखभाल करने वाला सहायक कर्मी । यह हालात दर्शाते हैं कि गौशाला में ना तो समुचित देख – रेख हो रही है, न ही किसी भी गौवंश का समय पर समुचित इलाज किया जा रहा है ।
गोबर के नीचे दफन किए जा रहे हैं मृत गौवंश :–
मीडिया की पड़ताल में यह भी सामने आया कि मरे हुए गोवंशों को वही गोबर के ढेर में दफन कर गलाया जा रहा है। इससे आसपास के ग्रामीणों को भारी दुर्गंध और बीमारियों का खतरा झेलना पड़ रहा है । सबसे गंभीर बात यह है कि गौशाला से महज 5 मीटर की दूरी पर स्थित प्राथमिक विद्यालय में लगभग 150 बच्चे अध्ययनरत हैं, जिनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
अधिकारियों ने मौके पर मानी लापरवाही :–
इस बात की जानकारी होते ही पशु चिकित्सक और एडीओ पंचायत शिवप्रकाश त्रिपाठी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण के बाद माना कि गोबर के नीचे गौवंशों को दफनाना गलत है । उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपने की बात कही ।
ग्राम सचिव नहीं पहुंचीं, भेजा दबंग पति, मीडिया से हुई बहस :–
ग्राम पंचायत की महिला सचिव जो स्वयं उस गांव की बहू हैं , वह तो मौके पर नहीं आईं , बल्कि उन्होंने अपने दबंग पति को जरूर भेजा । जब मीडिया टीम ने उनका परिचय पूछा तो उन्होंने खुद को ग्राम प्रधान का भी प्रतिनिधि बताया । ग्रामीणों का आरोप है कि सचिव का पति गांव में रौब झाड़ता है और शिकायत करने वालों को डराता – धमकाता है।
प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत ?
इस पूरी घटना में यह स्पष्ट नजर आता है कि या तो ग्राम पंचायत और ब्लॉक स्तर के अधिकारी इस क्रूरता में लिप्त हैं , या फिर उन्होंने मौन सहमति दे रखी है । कहीं न कहीं प्रशासनिक तंत्र की जवाबदेही और नैतिक जिम्मेदारी पर यह बड़ा प्रश्नचिह्न लग चुका है ।
वर्ज़न :–
वही इस बाबत स्थानी समाजसेवी सुरेश कुमार कुशवाहा ने मीडिया को बताया कि यहां की सबसे बड़ी बात तो यह है कि बगल में मात्र-माझ 5 मीटर की दूरी पर प्राइमरी विद्यालय है और यहां की जिम्मेदार जो अधिकारी हैं क्या उन्हें उस समय यह नहीं दिखाई दिया जब उन्होंने यहां प्राइमरी विद्यालय के बगल में गौशाला बनाया कि अगर उनकी समुचित व्यवस्था व देख – रेख नही की जाएगी तो गौवंश मरेंगे , मुझे भी एक मैडम जी ने फ़ोन के माध्यम से यह बतलाया कि यहाँ विद्यालय में बगल से काफी दुर्गध आ रही है ।
समाजसेवी सुरेश कुमार कुशवाहा ने इस मामले में सभी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है ।
वही एडीओ पंचायत शिव प्रताप तिवारी के निर्देश पर इस मामले की जांच करने पहुचे जेई विनोद कुमार ने भी मीडिया को बतलाया कि जैसी सूचना मिली थी वह सही पाई गई है , जो हुआ है वह गलत है , हमने अपने उच्च अधिकारियों को सारी बाते बता दी है ।
वहीं मौके पर बीडीओ सुरेश कुमार सिंह ने मीडिया को बतलाया कि स्थिति तो यहाँ की नाज़ुक है , हमारे द्वारा यह निर्देश दिया गया है कि समय-2 पर सभी गौवंशों की स्वास्थ्य की जांच करे व उनके लिए चारे , गुड़ व नमक की समुचित व्यवस्था रखे जिससे कि उन्हें समय-2 पर दिया जाए और भविष्य में इस तरह की कमियाँ पाई जाएगी तो कठोर से कठोर कार्यवाही की जाएगी ।
अब सभी की नजरें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रशासन पर :–
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गौ-प्रेम के अनेक वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि गौशालाओं की स्थिति कई जगहों पर बदतर हो चुकी है। अब देखना यह है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दब जाएगा ।