
मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) ।
मुहम्मदाबाद नगर में अवैध प्लॉटिंग और भूमि रूपांतरण को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। नगर के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जियाउद्दीन अहमद ने माफियाओं और प्रशासनिक अधिकारियों की मिलीभगत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि नगर में जलमग्न और नॉन-ज़ेड ए (गैर-निर्माण योग्य) भूमि का स्वरूप बदलकर अवैध रूप से प्लॉटिंग की जा रही है, और इसके लिए दस्तावेज़ों में भी हेराफेरी की गई है।
जियाउद्दीन अहमद ने बताया कि इस विषय में पूर्व में प्रशासन को प्रार्थना पत्र देकर अवैध गतिविधियों की शिकायत की गई थी। लेकिन कार्रवाई की बजाय, संबंधित अधिकारियों ने अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया। अहमद ने दावा किया कि इस संवाद की वॉयस रिकॉर्डिंग उनके पास मौजूद है, जो प्रशासनिक रवैये की पूरी तरह पोल खोलती है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जांच के लिए जब लेखपाल को निर्देशित किया गया, तो उसने रिपोर्ट लगाने के एवज में रिश्वत की मांग की। जब उन्होंने असमर्थता जताई, तो लेखपाल ने जांच रिपोर्ट विपक्षी के पक्ष में लगा दी, जिससे माफिया तत्वों को खुली छूट मिल गई।
इस पूरे प्रकरण ने नगरवासियों में आक्रोश और चिंता दोनों पैदा कर दिए हैं। आम नागरिकों का कहना है कि यदि इस प्रकार माफिया और प्रशासन मिलकर काम करेंगे, तो नगर का पर्यावरण और नागरिक सुरक्षा दोनों ही खतरे में पड़ जाएंगे।
स्थानीय प्रशासन की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है। अब देखना यह है कि क्या उच्च अधिकारी इस मामले का संज्ञान लेंगे या यह भी एक और फाइल बनकर सरकारी अलमारियों में धूल फांकता रहेगा।