
स्वॉट टीम की कार्रवाई से बिजली विभाग में मचा हड़कंप, गोपनीय पूछताछ में सामने आ रहे चौंकाने वाले सुराग
गाजीपुर ।
लंबे समय से बिजली विभाग की विजिलेंस टीम में संविदा पर कार्यरत वसीम अहमद आखिरकार शनिवार को रौजा क्षेत्र में अवैध वसूली करते समय रंगेहाथ पकड़ा गया । वर्षों से उपभोक्ताओं से जबरन धन वसूलने के गंभीर आरोप झेल रहे वसीम के खिलाफ कई शिकायतें पहले से दर्ज थीं, लेकिन यह हर बार पुलिस की पकड़ से बाहर रहा।
शनिवार को जैसे ही स्वॉट टीम को उसकी गतिविधियों की सूचना मिली, तत्काल कार्रवाई करते हुए टीम ने उसे पकड़ लिया। उसके खिलाफ अवैध वसूली की लिखित शिकायतें पहले से दर्ज थीं, और गिरफ्तारी की खबर फैलते ही कई शिकायतकर्ता मौके पर पहुंच गए और लिखित तहरीर सौंपकर गवाही दी कि वसीम ने उनसे पैसे वसूले थे।
⚡ विजिलेंस का संविदाकर्मी बना भ्रष्टाचार की धुरी
बताते चलें कि वसीम अहमद विजिलेंस सेल में ऑपरेटर के पद पर कार्यरत था। स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, वह जेई और कुछ अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर एक संगठित तरीके से अवैध वसूली का रैकेट चला रहा था। जिस क्षेत्र में विजिलेंस की टीम छापेमारी करती, वहां बाद में वसीम पहुंचकर उपभोक्ताओं को डराकर मुकदमा दर्ज न करने की एवज में मोटी रकम की मांग करता था।
🎥 वीडियोग्राफी और चश्मदीदों से मिली पुष्टि
स्वॉट टीम ने वसीम को रौजा में एक उपभोक्ता से वसूली करते रंगेहाथ पकड़ा और मौके पर वीडियोग्राफी भी की। बाद में उसे अन्य स्थानों पर भी ले जाया गया, जहां लोगों ने लिखित रूप में प्रमाणित किया कि उसने उनसे भी पैसे वसूले हैं। इससे उसकी गतिविधियों की सच्चाई पर पुख्ता मुहर लग गई है।
📞 ग्रामीण क्षेत्रों से भी आने लगी शिकायतें
जैसे ही वसीम की गिरफ्तारी की खबर फैली, नगर ही नहीं बल्कि कासिमाबाद, मुहम्मदाबाद और अन्य ग्रामीण इलाकों से भी शिकायतें आने लगीं। पीड़ित उपभोक्ताओं ने फोन कर अपनी आपबीती पुलिस को बताई।
🤐 पूछताछ किसी गोपनीय स्थान पर जारी
वसीम को गिरफ्तारी के बाद किस थाने में रखा गया है, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है, लेकिन पुलिस सूत्रों के अनुसार उसे किसी गोपनीय ठिकाने पर रखकर गहन पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के दौरान विजिलेंस सेल के भीतर चल रहे अवैध नेटवर्क के कुछ महत्वपूर्ण सुराग भी मिले हैं, जिन पर जल्द कार्रवाई हो सकती है।
🗣️ अधिकारियों की चुप्पी, विभागीय जांच की मांग तेज
घटना के बाद बिजली विभाग के अधिकारियों ने फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन विभागीय स्तर पर हड़कंप मच गया है। कई उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि विजिलेंस सेल के पूरे कार्यप्रणाली की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
📝 निष्कर्ष:
वसीम अहमद की गिरफ्तारी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि एक गहरे और संगठित भ्रष्टाचार तंत्र की परतों को खोलती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिजली विभाग इस पर क्या रुख अपनाता है और पुलिस कितनी गहराई तक इस नेटवर्क की जांच करती है।