
गाजीपुर ।
साहित्य चेतना समाज के तत्वावधान में आयोजित ‘चेतना-प्रवाह’ श्रृंखला के अंतर्गत नगर के गोलाघाट स्थित बाबा जागेश्वरनाथ मंदिर परिसर में एक भावविभोर कर देने वाला कजरी गायन कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम ने श्रोताओं को सांस्कृतिक सरोकारों से जोड़ते हुए सावन की मिठास और लोकगीतों की गहराई का रसास्वादन कराया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ डा. संतोष सिंह, हिंदी विभागाध्यक्ष, सुदृष्टि बाबा पी.जी. कॉलेज, रानीगंज-बलिया ने किया। उन्होंने कहा ,
“भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में ऋतु व काल विशेष के अनुरूप गीत-संगीत की एक गूढ़ परंपरा रही है। कजरी गायन पूर्वी उत्तर प्रदेश की एक अद्भुत विरासत है, जिसकी मिठास आज भी जनमानस को भिगो देती है। परन्तु बदलते समय में यह विरासत संकट में है, जिसे संजोने की आवश्यकता है। साहित्य चेतना समाज इस दिशा में अनुकरणीय कार्य कर रहा है।”
भावविभोर कर देने वाली प्रस्तुतियाँ :–
- बी.एस.डी. पब्लिक स्कूल, रेवतीपुर की छात्राओं ने ‘बंसिया बाज रही वृन्दावन झूले कृष्णमुरारी ना’ प्रस्तुत कर मन मोह लिया।
- सुलभा पाण्डेय एवं शुभ्रा पाण्डेय ने ‘कजरी ना खेलब अंगनवा बिन सजनवा’ और ‘छोटी ननदी के बात ना सहाई पिया’ जैसी पारंपरिक कजरियाँ गाकर खूब सराहना बटोरीं।
- सुप्रसिद्ध गायक राजेश राय निराला, राजू मौर्य, चंदन शर्मा व्यास, राकेश कुमार, कुश तिवारी, कुसुम दूबे, लल्लन सिंह आदि ने भी अपने सशक्त गायन से श्रोताओं को रसविभोर कर दिया।
संगीत के साथ सम्मान भी :–
इस अवसर पर प्रोफेसर कॉलोनी लंका निवासी डा. अपराजिता सिंह को उनकी अद्वितीय उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया।
- 37 सेकंड में आवर्त सारणी का पाठ,
- 1 मिनट 26 सेकंड में संपूर्ण आवर्त सारणी चार्ट,
- केवल एक ऊँगली से 4 सेकंड में ए से जेड टाइप करने जैसे विश्व कीर्तिमानों के लिए उन्हें माल्यार्पण व अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
उपस्थित गणमान्य और संचालन :–
कार्यक्रम में डा. ऋचा राय, डा. शिवकुमार, विपिन बिहारी राय, प्रो. राजीव गुप्त, सीमा सिंह, शैलेन्द्र तिवारी, प्रांशु उपाध्याय, सुधाकर पाण्डेय, दौलत गुप्ता सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।
इस कार्यक्रम का संचालन संस्था के संस्थापक अमरनाथ तिवारी ‘अमर’ ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रभाकर त्रिपाठी (संगठन सचिव) ने किया ।